7 big demands in Budget 2024:: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करने वाली हैं। इस बजट से पहले सरकारी कर्मचारी यूनियनों ने वित्त मंत्रालय को 7 प्रमुख मांगों वाला प्रस्ताव भेजा है। आइए, इन मांगों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
![7 big demands in Budget 2024](https://currentedu365.in/wp-content/uploads/2024/07/7-big-demands-in-Budget-2024-1024x576.png)
मांग 1: 8वां वेतन आयोग का गठन (Maang 1: 8th Pay Commission Ka Gathan)
- लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन वृद्धि के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाए।
- कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मौजूदा वेतन महंगाई दर को पूरा करने में सक्षम नहीं है।
मांग 2: पुरानी पेंशन योजना बहाल करें (Maang 2: Purani Pension Yojana Bahal Karein)
- केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए लागू नई पेंशन योजना (NPS) को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करे।
- कर्मचारियों का मानना है कि NPS के तहत मिलने वाली पेंशन राशि कम होती है। पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है।
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मांग 3: कोविड-19 के दौरान रोके गए डीए/डीआर का भुगतान (Maang 3: COVID-19 Ke Dauran Roke Gaye DA/DR Ka Bhugtan)
- कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ता/महंगाई राहत (DA/DR) में कटौती कर दी थी।
- अब कर्मचारी यूनियन इन 18 महीनों के बकाया डीए/डीआर के भुगतान की मांग कर रहे हैं।
मांग 4: अनुकंपा नियुक्तियों की सीमा हटाएं (Maang 4: Anucompassionate Niyuktiyon Ki Seema Hataein)
- सरकार दयालु नियुक्तियों (अनु compassionate नियुक्ति) पर लगी 5% की सीमा को हटाए।
- साथ ही, सभी मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया जाए।
मांग 5: सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरें (Maang 5: Sarkari Vibhagon Mein Rikt Padon Ko Bharein)
- सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।
- विभागों में कार्यभार को कम करने और दक्षता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जाना चाहिए।
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मांग 6: आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी बंद करें (Maang 6: Outsourcing Aur Thekedari Band Karein)
- सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए।
- ठेके पर रखे गए कर्मचारियों को सरकारी विभागों में स्थायी किया जाए।
मांग 7: संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र को मजबूत करें
- संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र (JCM) के प्रावधानों के अनुसार सरकारी कर्मचारी संघों/फेडरेशनों के लोकतांत्रिक कामकाज को सुनिश्चित किया जाए।
- लंबित आवेदनों पर मान्यता प्रदान की जाए और डाक समूह सी यूनियन, एनएफपीई, इसरोसा जैसे संघों की मान्यता रद्द करने के आदेश वापस लिए जाएं।
- सेवा संघों पर लगाई गईं रोक हटाई जाए।
**सरकारी कर्मचारी यूनियनों की इन मांगों पर सरकार क्या निर्णय लेती है, यह तो आने वाला बजट ही बताएगा
आगामी डीए वृद्धि और वेतन आयोग
सरकार मौजूदा 7वें वेतन आयोग के कर्मचारियों के लिए सितंबर महीने की पहली छमाही में डीए वृद्धि की घोषणा कर सकती है, जो 1 जुलाई 2024 से लागू होगी। कर्मचारियों को आगामी डीए वृद्धि में 3-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार मूल वेतन के 50 प्रतिशत के डीए सीमा के बावजूद डीए को और बढ़ा सकती है, तो श्रम मामलों के एक विशेषज्ञ ने कहा, “हां, सरकार डीए को 50 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ा सकती है। चौथे वेतन आयोग में, डीए 170 प्रतिशत तक पहुंच गया था। हालांकि, सरकार ने अंतरिम राहत भी दी थी।”
अस्वीकरण ( अस्वीकरण): यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर वित्तीय या कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
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