Bihar NEET UG Scam News: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने कथित तौर पर लीक हुए प्रश्नपत्र पाने के लिए रिश्वत देने वाले उम्मीदवारों और पेपर उपलब्ध कराने वालों के बीच हुए संदिग्ध लेन-देन के सुबूत जुटाए हैं।
पिछले महीने आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) परीक्षा में कथित रूप से पेपर लीक का मामला सामने आया था।
ईओयू को मिले सबूतों में छह पोस्ट-डेटेड चेक शामिल हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि ये उन गिरोह को दिए गए थे, जिन्होंने परीक्षा से पहले उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाए थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन गिरोहों ने प्रत्येक उम्मीदवार से प्रश्नपत्र के बदले में 30 लाख रुपये से अधिक की मांग की थी।
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Bihar NEET UG Scam: जांच में मिले सुबूतों का विवरण
- पोस्ट-डेटेड चेक: ईओयू ने जांच के दौरान छह पोस्ट-डेटेड चेक बरामद किए हैं। माना जा रहा है कि ये चेक उन्हीं लोगों को दिए गए थे, जिन्होंने उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाए थे। जांचकर्ता संबंधित बैंकों से इन चेक धारकों की जानकारी जुटा रहे हैं।
- जले हुए प्रश्नपत्र: ईओयू को एक सुरक्षित ठिकाने से जले हुए प्रश्नपत्र भी मिले हैं। माना जा रहा है कि यह वही प्रश्नपत्र है जिसका इस्तेमाल परीक्षा से पहले लीक करने के लिए किया गया था। जले हुए प्रश्नपत्र को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
- अभ्यर्थियों के बयान: पुलिस ने अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार परीक्षार्थी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। पूछताछ के दौरान, गिरफ्तार उम्मीदवारों ने माना है कि उनके माता-पिता ने प्रश्नपत्र प्राप्त करने के लिए 30 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया था।
NTA से मांगे गए संदर्भ प्रश्नपत्र
ईओयू ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से मूल प्रश्नपत्रों की मांग की है। जांच अधिकारी का कहना है कि एनटीए से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। संदर्भ प्रश्नपत्र मिलने के बाद जले हुए प्रश्नपत्रों का मिलान करवाया जाएगा, ताकि लीक की पुष्टि की जा सके।
मामले में कुल कितने संदिग्ध शामिल?
ईओयू सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को नीट-यूजी के प्रश्नपत्र और उनके उत्तर मिल गए थे। इन उम्मीदवारों को बिहार के विभिन्न स्थानों से पटना के रामकृष्ण नगर स्थित एक किराए के मकान में लाया गया था। इसी ठिकाने पर उन्हें प्रश्नपत्र और उत्तर उपलब्ध करवाए गए थे।
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई
पुलिस ने इस किराए के मकान की तलाशी ली है और मोबाइल फोन, एडमिट कार्ड और अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं।
इस मामले में आगे क्या हो सकता है?
शिक्षा मंत्रालय ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया है। हालांकि, इस मामले में विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में जांच की मांग कर रहा है। छात्रों का एक समूह भी कथित पेपर लीक और परीक्षा की सत्यता पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग कर रहा है।
ईओयू द्वारा जुटाए गए सबूत जांच को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। जले हुए प्रश्नपत्रों की फॉरेंसिक जांच और एनटीए से प्राप्त संदर्भ प्रश्नप
NEET-UG paper leak case: अभ्यर्थियों के लिए इसका क्या मतलब है?
बिहार में नीट-यूजी परीक्षा 2024 में कथित पेपर लीक का मामला अभी सुलझा नहीं है। जांच जारी है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या पेपर लीक हुआ था। हालांकि, इस मामले के विभिन्न पक्ष अभ्यर्थियों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, इस पर गौर करना महत्वपूर्ण है।
- अनिश्चितता का माहौल: इस मामले से जुड़ी अनिश्चितता का माहौल अभ्यर्थियों के लिए काफी परेशान करने वाला हो सकता है। उन्हें यह नहीं पता चलेगा कि जांच का परिणाम क्या होगा और उनकी मेहनत का क्या फल मिलेगा।
- संभावित देरी: यदि जांच में देरी होती है, तो इससे मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग और एडमिशन प्रक्रिया में भी देरी हो सकती है। यह उन छात्रों को प्रभावित कर सकता है जिन्होंने नीट पास किया है और उन्हें समय पर अपनी चॉइस भरने में दिक्कत आ सकती है।
- परीक्षा की वैधता पर सवाल: यदि पेपर लीक की पुष्टि हो जाती है, तो इससे नीट-यूजी 2024 परीक्षा की वैधता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस स्थिति में, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार परीक्षा को दोबारा कराने की संभावना भी बन सकती है।
अभ्यर्थी क्या कर सकते हैं?
फिलहाल, अभ्यर्थियों के लिए सबसे अच्छा यही है कि वे शांत रहें और आधिकारिक अपडेट का इंतजार करें। वे आधिकारिक वेबसाइटों जैसे कि NTA की वेबसाइट और बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ( BSEB ) की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक कर सकते हैं।
- कानूनी सलाह लें: यदि आप इस मामले से सीधे प्रभावित हैं, तो किसी शिक्षा कानून विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है। वे आपको आपके अधिकारों और विकल्पों के बारे में बता सकते हैं।
- तैयारियों में जुटे रहें: भले ही जांच में देरी हो या परीक्षा दोबारा हो, अपनी तैयारी जारी रखना महत्वपूर्ण है। यह समय आपकी नीट की तैयारी को मजबूत करने और अपनी कमियों को दूर करने में लगा सकते हैं।
निष्कर्ष
बिहार नीट परीक्षा पेपर लीक मामला एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल छात्रों को प्रभावित करता है बल्कि मेडिकल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। हमें उम्मीद है कि जांच जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी और इस मामले में पारदर्शी तरीके से कार्रवाई की जाएगी।
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