NEET 2024 Error in Results: इस साल नीट परीक्षा के नतीजों ने खलबली मचा दी है. छात्रों के परीक्षा स्कोर का विश्लेषण करने पर पता चला है कि कुछ खास शहरों और राज्यों के परीक्षा केंद्रों में बहुत ज्यादा छात्रों ने बहुत अच्छे अंक लाए हैं. इतना ही नहीं, इनमें से ज्यादातर केंद्र एक ही जिले, राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हैं!
आंकड़ों की कहानी
बात दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को नीट परीक्षा में शामिल हुए 23,33,162 छात्रों के स्कोर जारी किए. इन स्कोरों का विश्लेषण करने पर चौंकाने वाली बात सामने आई. जिन 50 परीक्षा केंद्रों में सबसे ज्यादा छात्रों ने 650 से ऊपर अंक लाए, उनमें से पूरे 37 केंद्र सिर्फ राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हैं. बता दें कि 650 से ऊपर का स्कोर मेडिकल कॉलेजों में सीट पाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
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हरियाणा के एक परेशान अभ्यर्थी के अभिभावक, डॉक्टर कृष्ण शर्मा का कहना है कि “जिन 30,204 छात्रों ने 650 से ऊपर अंक लाए हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ 20,000 सीटें हैं, उनमें से सिर्फ सीकर जिले में ही 2,037 छात्रों ने ये आंकड़ा पार किया है. सीबीआई को इस असमानता की जरूर जांच करनी चाहिए.” डॉक्टर शर्मा उन याचिकाकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने नीट 2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
असामान्य जमावड़ा
सीकर के इन केंद्रों से कुल 27,216 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 2,037 (7.48%) छात्रों ने 650 से ऊपर अंक लाए. डॉक्टर शर्मा आगे कहते हैं कि “ये सीकर जिले से इतने ज्यादा छात्रों द्वारा टॉप मार्क्स लाना एक बहुत ही असामान्य बात है. पूरे देश का औसत देखें तो सिर्फ 1.29% (23,33,162 में से 30,204) छात्र ही 650 से ऊपर अंक ला पाए. इस जमावड़े की जांच होनी चाहिए.”
अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरे देश में सबसे ज्यादा 650 से ऊपर अंक लाने वाले छात्र राजस्थान में ही मिले हैं, जिनकी संख्या 6,697 है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 3,387, केरल में 2,835, महाराष्ट्र में 2,585, तमिलनाडु में 1,582, हरियाणा में 1,519, पश्चिम बंगाल में 1,422, कर्नाटक में 1,406, बिहार में 1,369 और दिल्ली में 1,326 छात्रों ने 650 से ऊपर अंक लाए हैं. गौर करने वाली बात ये है कि सीबीआई पहले से ही बिहार, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में पेपर लीक मामले की जांच कर रही है और इनमें से कई राज्यों में भी इसी तरह से परीक्षा केंद्रों में हाई स्कोरर्स का जमाव देखा गया है.
अलग-अलग विसंगतियां
कुछ और भी परीक्षा केंद्र ध्यान खींचते हैं, जहां पर असामान्य रूप से ज्यादा छात्रों ने बहुत अच्छे अंक लाए हैं. इनमें से एक केंद्र गुजरात के राजकोट स्थित आर.के. यूनिवर्सिटी के यूनिट-1 स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग है, जहां पर 1,968 छात्रों ने परीक्षा दी
थी, उनमें से 12 छात्रों ने तो 700 से भी ज्यादा अंक लाए. इसी तरह से अहमदाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल में भी ऐसा ही देखने को मिला, जहां पर 676 छात्रों में से 12 छात्रों ने 700 से ऊपर स्कोर किया. गौरतलब है कि गुजरात में भी पेपर लीक की जांच चल रही है.
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विवेक पांडे, एक RTI कार्यकर्ता जिन्होंने इस डाटा का विश्लेषण किया है, बताते हैं कि कुछ और विसंगतियां भी हैं. उदाहरण के तौर पर हरियाणा के रेवाड़ी में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में 264 छात्रों में से 22.73% छात्रों ने 600 से ऊपर अंक लाए. इसी तरह से हरियाणा के ही महेंद्रगढ़ स्थित राव पहलाद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी यही स्थिति देखने को मिली, जहां पर 448 छात्रों में से लगभग 20% छात्रों ने 600 से ऊपर अंक लाए.
डॉक्टर पांडे कहते हैं कि “रेवाड़ी हरियाणा का एक छोटा सा गांव है और वहां से इतने ज्यादा छात्रों द्वारा टॉप मार्क्स लाना वाकई चौंकाने वाली बात है.”
पिछले साल का डाटा भी जारी किया जाए
डॉक्टर शर्मा बताते हैं कि “झारखंड के ओएसिस स्कूल में 23 छात्रों ने 600 से ऊपर अंक लाए हैं. यही वो स्कूल है जहां पर पेपर लीक हुआ था.” इस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. डॉक्टर शर्मा आगे कहते हैं कि “जब हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में छात्रों के इस असामान्य जमाव की जांच हो रही है, तो ये बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट पिछले साल यानी कि नीट 2023 का डाटा भी जारी करने का आदेश दे. इससे इस साल के परीक्षा पैटर्न की तुलना पिछले साल के पैटर्न से की जा सकेगी.”
क्या है आगे का रास्ता?
नीट 2024 के नतीजों में सामने आए ये आंकड़े पेपर लीक और नकल के बड़े घोटाले की तरफ इशारा करते हैं. कुछ खास केंद्रों पर छात्रों द्वारा हासिल किए गए इतने ज्यादा अंकों से परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल उठ खड़े हो गए हैं. अब देखने वाली बात ये है कि सीबीआई अपनी जांच को और गहराई से कैसे ले जाती है और क्या असल अपराधियों को सजा दिला पाती है. साथ ही ये भी जरूरी है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार किए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
उम्मीद तो यही की जाती है कि सीबीआई इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अपनी जांच को और तेजी से आगे बढ़ाएगी. नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. हजारों छात्र साल भर कड़ी मेहनत करते हैं और उनका सपना टूट जाता है अगर परीक्षा में किसी तरह का घोटाला होता है.
छात्रों का भविष्य दांव पर
नीट 2024 के नतीजों में सामने आईं ये विसंगतियां उन सभी छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन कर खड़ी हो गई हैं जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी. उन्हें ये शक होने लगा है कि कहीं उनकी मेहनत बेकार तो नहीं चली गई. अगर वाकई में पेपर लीक हुआ था या नकल कराने जैसी गतिविधियां हुई थीं तो इससे निश्चित रूप से मेरिट (merit) प्रभावित हुई है.
कड़ी कार्रवाई की मांग
तमाम छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो. न सिर्फ पेपर लीक करने वालों और नकल कराने वालों को सजा मिलनी चाहिए बल्कि परीक्षा प्रणाली में भी सुधार लाए जाने चाहिए. ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की जड़ से खत्म किया जा सके.
अन्य परीक्षाओं पर भी सवाल
नीट 2024 के मामले ने अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर भी सवालिया चिन्ह लगा दिया है. अगर इतनी बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में भी इस तरह का घोटाला हो सकता है तो फिर ये सवाल उठता है कि क्या बाकी परीक्षाएं भी इससे अछूती हैं? हर छात्र चाहता है कि उसे मेरिट के आधार पर ही कॉलेज में दाखिला मिले, ना कि किसी तरह के फायदे या नकल की बदौलत.
इस पूरे मामले से ये सीख मिलती है कि हमें परीक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने की जरूरत है. कड़ी निगरानी और कठोर नियमों के साथ-साथ छात्रों को भी ईमानदारी से परीक्षा देने के लिए प्रेरित करना चाहिए. तभी जाकर हम मेरिट पर आधारित शिक्षा व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं.