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NEET UG 2024: 4 लाख से अधिक छात्रों के अंक घटाए जा सकते हैं!

NEET UG 2024: ये तो कमाल हो गया! अभी कुछ दिन पहले ही तो नीट 2024 के नतीजे आए थे, और अब ताजा खबर ये है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 4 लाख से ज्यादा छात्रों के अंक घटाए जा सकते हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को यह निर्देश दिया है कि वो नीट यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों को फिर से संशोधित करे। ये बदलाव एक ऐसे प्रश्न को लेकर किए जा रहे हैं जिसके लिए एनटीए ने दो विकल्पों को सही माना था, जबकि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक सिर्फ एक ही जवाब सही है।

NEET UG 2024

NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट का आदेश!

आइए पूरे मामले को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

जैसा कि बताया गया है, कुछ छात्रों ने एनटीए के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें एनटीए ने एक सवाल के दो विकल्पों को सही माना था। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एनटीए के दिशानिर्देशों के अनुसार छात्रों को एनसीईआरटी की नवीनतम पाठ्यपुस्तक का पालन करना था। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक टेस्ट बुकलेट कोड S3 के प्रश्न संख्या 19 के लिए विकल्प 4 सही जवाब है। वहीं, पुराने एनसीईआरटी सिलेबस के अनुसार विकल्प 2 सही माना जाता था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट के पिछले आदेश के आधार पर आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी द्वारा गठित 3 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सीजेआई ने कहा कि समिति की रिपोर्ट विकल्प 4 को सही जवाब बताती है।

अदालत ने एनटीए को निर्देश दिया कि विशेषज्ञ समिति की राय को ध्यान में रखते हुए सिर्फ विकल्प 4 को ही सही माना जाए और उसी के आधार पर नीट यूजी 2024 परीक्षा के परिणामों को संशोधित किया जाए।

क्या है छात्रों पर असर?

अब सवाल ये उठता है कि इस फैसले का छात्रों पर क्या असर होगा। दरअसल, 4,20,774 छात्रों ने विकल्प 2 (पुराने एनसीईआरटी संस्करण का जवाब) चुना था, वहीं 9,28,379 छात्रों ने विकल्प 4 चुना था। इसका सीधा सा मतलब ये है कि जिन छात्रों ने विकल्प 2 चुना था, उनके अंक कम हो जाएंगे। हर सही जवाब पर 4 अंक मिलते हैं और गलत जवाब पर 1 अंक कटता है, इस हिसाब से इन छात्रों के कुल 5 अंक (4 अंक कम और 1 अंक कटौती) कम हो जाएंगे।

सरकारी पक्ष का क्या कहना है?

सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार की ओर से पेश होते हुए बताया कि एनटीए ने विकल्प 2 को अंक देने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उन्हें कई छात्रों से इस बारे में रिप्रेजेंटेशन मिले थे। दरअसल, कुछ छात्रों ने अपनी तैयारी के लिए अपने भाई-बहनों की पुरानी एनसीईआरटी किताबों का इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं, जिन 61 छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए थे, उनमें से 44 छात्रों को इसी सवाल के लिए दिए गए ग्रेस मार्क्स का फायदा मिला था।

नीट यूजी 2024: अनिश्चितता का दौर

हालांकि, ये फैसला उन छात्रों के लिए राहत की खबर भी हो सकती है जिन्होंने विकल्प 4 चुना था, उन्हें शायद अपनी रैंक में सुधार देखने को मिल सकता है।

क्या होगा आगे?

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आगे क्या होगा? अभी तक एनटीए ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ये देखना होगा कि एनटीए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कैसे करता है और रिजल्ट को संशोधित करने में कितना समय लेता है। उम्मीद की जाती है कि जल्द ही एनटीए इस मामले पर कोई अपडेट जारी करेगा।

छात्र क्या कर सकते हैं?

फिलहाल छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे धैर्य रखें और एनटीए की ओर से आधिकारिक घोषणा का इंतजार करें। छात्र एनटीए की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल पर अपडेट चेक करते रहें। इसके अलावा छात्र किसी भी तरह के कयासों पर ध्यान ना दें और भ्रामक सूचनाओं से बचें।

क्या कोचिंग संस्थान मदद कर सकते हैं?

कुछ कोचिंग संस्थान इस मामले में छात्रों की मदद कर सकते हैं। ये संस्थान छात्रों को संशोधित रैंक अनुमान लगाने में या संशोधित रिजल्ट के आधार पर कॉलेजों में सीटें मिलने की संभावना का आकलन करने में सहायता दे सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि ये सिर्फ अनुमान ही होंगे और वास्तविक परिणाम अलग हो सकते हैं।

आखिर में यही कहना चाहेंगे कि ये समय छात्रों के लिए काफी परेशानी का हो सकता है। लेकिन छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं और सकारात्मक बने रहें। जल्द ही चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।

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