Vinesh Phogat said goodbye to wrestling: विनेश फोगाट ने ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद संन्यास लिया
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद संन्यास ले लिया है। उन्होंने एक भावुक संदेश साझा करते हुए कहा, “मां कुश्ती जीत गई, मैं हार गई”। बुधवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलो फ्रीस्टाइल फाइनल से अयोग्य घोषित की गईं फोगाट ने गुरुवार को यह घोषणा की। 29 वर्षीय पहलवान फाइनल के दिन वजन के समय निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई थी।
विनेश ने अपने प्रशंसकों से माफी मांगते हुए कहा कि उनका साहस टूट गया है और अब वे जारी नहीं रख सकती हैं। 2001 से 2024 तक फैले अपने शानदार करियर का अंत करते हुए विनेश ने कहा कि वह अपने समर्थकों के प्रति हमेशा आभारी रहेंगी। उन्होंने कहा, “अलविदा, कुश्ती”, भारतीय कुश्ती में एक युग का अंत करते हुए।
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 7, 2024
अलविदा कुश्ती 2001-2024 🙏
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी 🙏🙏
इस बीच, फोगाट ने ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ खेल विवाद निपटान अदालत (सीएएस) में अपील दायर की है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें रजत पदक से सम्मानित किया जाए। सीएएस ने अपील स्वीकार कर ली है और गुरुवार को सुबह 11:30 बजे IST तक अपना अंतिम फैसला सुनाने की उम्मीद है। सीएएस स्विट्जरलैंड में स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो खेल की दुनिया में उत्पन्न होने वाले विवादों को हल करने के लिए बनाया गया है।
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फोगाट ने मंगलवार को इतिहास रचा जब वह ओलंपिक में कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ पर 5-0 की अपनी दबंग जीत ने उन्हें फाइनल में जगह दिलाई।
हालांकि, भाग्य ने ऐसा किया कि फोगाट बुधवार को दूसरे दिन वजन बढ़ाने में विफल रही और 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई।
विनेश फोगाट का संन्यास: एक राष्ट्र की पीड़ा
भारतीय कुश्ती की शानदार खिलाड़ी विनेश फोगाट ने एक ऐसे समय में जब देश उनसे पदक की उम्मीद लगाए बैठा था, एक निर्णायक झटके के बाद संन्यास ले लिया। पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार रही विनेश फोगाट का वजन तौलने के दौरान निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल विनेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
अपने करियर के चरम पर पहुंची विनेश के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका था। उन्होंने खुद को संभाल नहीं पाते हुए ट्विटर पर एक भावुक संदेश लिखा, “माँ कुश्ती जीत गई, मैं हार गई”। इस एक वाक्य में उन्होंने अपने मन की व्यथा को बयां किया। उन्होंने आगे लिखा कि उनका हौसला टूट गया है और अब उनके पास आगे बढ़ने की ताकत नहीं बची है। उन्होंने अपने प्रशंसकों से माफी मांगी और कहा कि वह हमेशा उनके आभारी रहेंगी।
विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती में एक नई ऊंचाई स्थापित की थी। वह पहली भारतीय महिला पहलवान थीं जो ओलंपिक के फाइनल में पहुंची थीं। उनके संन्यास के फैसले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उनके साथ खड़े नजर आए और उन्हें हिम्मत देने के संदेश लिखे।
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विनेश ने हालांकि हार नहीं मानी और उन्होंने अपने खिलाफ लिए गए फैसले के खिलाफ खेल विवाद निपटान अदालत (CAS) में अपील दाली है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें रजत पदक दिया जाए। यह मामला अभी विचाराधीन है।
विनेश फोगाट के संन्यास ने न केवल भारतीय कुश्ती बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उनकी इस कठिन घड़ी में उन्हें सहारा देने की जरूरत है। उम्मीद है कि वह इस मुश्किल दौर से बाहर निकलकर एक नई शुरुआत करेंगी।
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